Anxiety Myths- रोज की भागदौड़ की जिंदगी में लोग खुद को कही ना कही खो बैठते है.सुबह से शाम तक कान और अन्य जिम्मेदारियों के चलते खुद को समय नही दे पाते हैं और आज के समय में हर दूसरा व्यक्ति एंग्जाइटी की समस्या से जूझ रहा है.जो कि एक मेंटल हेल्थ प्रोव्लम हैं हालांकि कुछ लोग एंग्जाइटी से जुड़ी गलत धारणाओं के चक्कर में फंस जाते हैं और अपने मानसिक स्वास्थ्य को ज्यादा बिगाड़ लेते हैं.आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे एंग्जाइटी से जुड़ी कुछ झूठी बातों के बारे में, जिनके चक्कर में व्यक्ति को नहीं पड़ना चाहिए.
Read also- जानिए एंग्जाइटी से जुड़े कुछ मिथक
ज्यादा सोचना-कुछ लोगो का मानना हैं एंग्जाइटी का मतलब ज्यादा सोचा हैं और ऐसा सेचकर लोग इस मेंटल हेल्थ प्रोब्मल को नजर अंदाज कर देते हैं. जबकिएंग्ज़ाइटी एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जो व्यक्ति को अनिच्छुक चिंता, डर, और बेचैनी का अहसास करा सकती है। यह एक गंभीर समस्या है जो रोजमर्रा के कार्यों और संबंधों में बाधाएँ डाल सकती है।
एंग्जाइटी कमजोरी की निशानी है- एंग्जाइटी के बारे में सबसे गलत धारणा ये है कि यह कमजोरी की निशानी है, जिसकी वजह से इस मेंटल हेल्थ प्रोब्लम से पीड़ित इंसान लोगों की मदद नहीं लेता और अकेले ही इस समस्या से जूझता रहता है
Read also- Elvish Yadav- पार्टी में मंगवाता था सांप का जहर,एल्विश यादव ने कबूला अपना गुनाह
एंग्जाइटी का शिकार शर्मीले और नर्वस लोग होते हैं- कई लोगों का मानना है कि एंग्जाइटी सिर्फ शर्मीले और नर्वस लोगों को होने वाली मानसिक बीमारी है. हालांकि ऐसा नहीं है क्योंकि एंग्जाइटी इंसान के व्यक्तित्व पर आधारित मेंटल हेल्थ प्रोब्लम नहीं है और ये किसी को भी हो सकती है
एंग्जाइटी खुद ही खत्म हो जाएगी- इस मेंटल हेल्थ प्रोब्लम को लेकर कुछ लोगों का मानना है कि ये एक अस्थायी समस्या है, जो समय के साथ खुद ही चली जाएगी. लेकिन लोग ये नहीं जानते कि एंग्जाइटी को नजरअंदाज करना आगे चलकर उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
Read also- Satyendra Jain- सुप्रीम कोर्ट का क्या होगा फैसला, सत्येंद्र जैन को बेल या जेल?
एंग्जाइटी व्यक्ति की कल्पना है– एंग्जाइटी से जुड़ा एक मिथक है कि एंग्जाइटी व्यक्ति की कल्पना नहीं होती है, बल्कि यह उसके ब्रेन में होने वाले केमिकल बदलाव से जुड़ी होती है। यह बदलाव व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं और उसकी जीवनशैली पर असर डाल सकते हैं।एंग्जाइटी के संबंध में सही जानकारी, समर्थन और उपचार की आवश्यकता होती है। इसे एक मानसिक स्वास्थ्य सेवा पेशेवर द्वारा देखा जाना चाहिए, जो व्यक्ति को उचित समर्थन और इलाज प्रदान कर सकता है।.