नई दिल्ली (रिपोर्ट- प्रदीप कुमार): दिल्ली एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है।सीपीसीबी ने सितंबर से मौसम की स्थिति बेहद प्रतिकूल बताते हुए दिल्ली में प्रदूषण का लेवल बढ़ने को लेकर चेताया है।
दिल्ली और एनसीआर के पोल्यूशन के लिए तीन फैक्टर जिम्मेदार बताते हुए सीपीसीबी चैयरमेन शिव दास मीना ने कहा कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए 50 टीमें लांच की गई है।ये टीम फील्ड में 28 फरवरी तक का 5 महीने के दौरान हॉटस्पॉट को कवर करेगी। और प्रदूषण की शिकायतों पर प्रभावी कार्रवाई के साथ एजेंसी इसको कोऑर्डिनेट करेगी।
इस दौरान बोर्ड के मेम्बर सेक्रेटरी प्रशांत गार्गव ने बताया कि दिल्ली जैसे इलाकों में प्रदूषण बढ़ रहा है लेकिन एक अच्छी बात यह भी है कि 2016 से 2019 तक खराब दिनों की संख्या घटी है। जबकि एयर क्वालिटी इंडेक्स की अच्छी, मध्यम और संतोषजनक श्रेणी के दिनों की संख्या में सुधार हुआ है।
हालांकि सीपीसीबी सचिव ने कहा कि इस साल सितंबर और अक्तूबर में औसत वेंटिलेशन इंडेक्स 1334 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रही है। यह पिछले साल इसी अवधि में 1850 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रही थी। वेंटिलेशन इंडेक्स वह गति है जिसपर प्रदूषक फैल सकते हैं। 10 किमी प्रति घंटे से कम हवा की रफ्तार पर 6000 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड से कम का वेंटिलेशन इंडेक्स प्रदूषकों के फैलाव के प्रतिकूल रहता है।
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि 2016 से 2019 तक पीएम 2.5 में 19 फीसदी जबकि पीएम 2.10 में 25 फीसदी की कमी देखी गई थी। 2019 में सितंबर और अक्तूबर में ज्यादा बारिश भी हुई थी। जबकि इस साल इन महीनों में सिर्फ 21 एमएम ही बारिश कम हुई है।
इसी के साथ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि प्रदूषण में पिछले साल 44 फीसदी पराली का योगदान रहा था।
सीपीसीबी सचिव गार्गव ने कहा कि ‘ठंड के मौसम को देखते हुए सेंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं।हम लगातार संवेदनशील जगहों पर टीम भेजते हैं जहां प्रदूषण ज्यादा है। 2016 से 2019 तक पीएम 2.5 में 19 फीसदी जबकि पीएम 2.10 में 25 फीसदी की कमी देखी गई थी।2019 में सितंबर और अक्तूबर में ज्यादा बारिश भी हुई थी।जबकि इस साल इन महीनों में सिर्फ 21 एमएम ही बारिश कम हुई है। इसलिए भी इस साल प्रदूषण बढ़ा है. हालांकि 2020-21 के लिए हमने एक्शन प्लान तैयार किया है।’
इसके साथ ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जानकारी दी है कि प्रदूषण पर प्रभावी रोकथाम के लिए कई निर्णय लिए गए हैं।
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इनमे 2595 उद्योगों को पीएनजी में कन्वर्ट किया है। 3600 पेट्रोल पंपस पर वेपर रिकवरी सिस्टम लगाए गए हैं।इसके साथ ही दो थर्मल प्लांट बंद किए हैं। 124 जगहों पर एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।साथ ही हॉटस्पॉट इलाकों को पहचान कर निगरानी की जा रही है।
इसी के साथ सीपीसीबी ने कहा है कि लोग जितना कम गाड़ियों का इस्तेमाल करेंगे प्रदूषण नियंत्रण में उतनी ही मदद मिलेगी। इसके साथ ही लोग सीपीसीबी के एप समीर पर शिकायतें भी भेज सकते हैं।