(अवैस उस्मानी )- Chargesheet On Brijbhushan- महिला पहलवनों से यौन शोषण के मामले में आरोपी BJP सांसद और कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह राउज़ एवेन्यु कोर्ट में पेश हुए। मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील अतुल श्रीवास्तव ने दलील रखी। दिल्ली पुलिस ने कहा कि जिन धाराओं के तहत पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है उन्ही धाराओं के तहत बृजभूषण के खिकाफ आरोप तय किया जाए। राउज़ एवेन्यु कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी..Chargesheet On Brijbhushan
महिला पहलवनों से जुड़े यौन शोषण के मामले में राउज़ एवेन्यु कोर्ट में स्पेशल जज हरजीत सिंह जसपाल की अदालत में सुनवाई के दौरान वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि मामले में कोर्ट ने सभी आरोपो पर संज्ञान लिया है और चार्जशीट पर संज्ञान लेने को चुनौती नहीं दी गई है। वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा जिन मामलों में अधिकतम सज़ा 3 साल होती है उसमें जांच की समय सीमा तय नहीं होती है, ऐसे मामलों में जांच शिकायत मिलने पर कभी भी की जा सकती है। वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि मामले की सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील ने कहा था कि गले लगाना यौन शोषण के दायरे में नहीं आता है, यह सिर्फ गले लगाने भर का मामला नहीं है, मंशा के ऊपर निर्भर करता है।
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राउज़ एवेन्यु कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि एक शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा था कि मंगोलिया में जब ओलंपिक क्वालिफिकेशन के लिए गए वहां पर डिनर के समय बृजभूषण सबसे अलग एक टेबल पर बैठे वहां पर मुझको बुलाया गया और बृजभूषण ने मेरी छाती तो छुआ और अपना हाथ मेरे पेट तक ले गए उसके बाद दुबारा मेरी छाती को छुआ क्या यह यौन शोषण के दायरे में नहीं आता है।
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पिछली सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील ने कहा कि महिला पहलवान को एक इवेंट के दौरान गले लगाते समय बृजभूषण की मंशा उनका यौन शोषण करने की नही थी। बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा कि CrPc के तहत किसी भी अपराध पर संज्ञान लेने की एक समय सीमा होती है। बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा कि बलात्कार, छेड़छाड़, यौन शोषण के अपराध लगातार होने वाले अपराध नहीं है, उनमें आरोप तय करने की समय सीमा निश्चित है। बृजभूषण के वकील ने कहा कि अलग अलग राज्यों या दूसरे देश में हुई किसी घटना इस कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।