जिला रेवाडी में दहेज का मामला, मजबूर पिता ने की आत्महत्या

(रिपोर्ट-श्याम बटला):  जिला रेवाडी के गांव पालड़ा के रहने वाले एक मजबूर पिता ने लाखों रुपये के दहेज की मांग के चलते ने अपनी बेटी के शादी के कार्ड पर सुसाइड नोट लिख शादी से पहले ही अपनी बहन के घर राजस्थान में आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का कारण वर पक्ष की तरफ से दहेज में 31 लाख रुपए ऒर लग्जरी कार की मांग करना था। राजस्थान के खुशखेड़ा थाना पुलिस ने आरोपित वर पक्ष के 5 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करनें सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। मृतक ने अपने सुसाइड नोट में देश के प्रधानमंत्री, हरियाणा और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले ताकि फिर किसी की दुनियां यूं न उजड़े जैसे इनकी उजड़ी।
गांव पालड़ा निवासी ट्रांसपोर्ट का काम करने  वाले कैलाश तंवर ने अपनी बेटी की शादी गुरुग्राम के गांव कासन निवासी सुनील कुमार के बेटे रवि के साथ तय की थी। इसके साथ ही बेटे का रिश्ता राजस्थान के दौसा में तय किया हुआ है। 25 नवंबर को बेटी की शादी होनी तय की गई थी साथ ही बेटे का लगन समारोह भी  था।
गौरतलब है की सोमवार को बेटी का लग्न लेकर गांव कासन जाना था तथा एक दिसंबर को बेटे की शादी होनी थी। आरोप है कि लगन से पहले गांव कासन निवासी वर पक्ष ने बिचौलिए के जरिए दहेज में 31 लाख रुपए का सामान लेकर आने की मांग रख दी। 19 नवंबर को कैलाश अलवर जिले के गांव बूढी बावल निवासी अपने बहनोई चेतराम व भांजे को साथ लेकर वर पक्ष के घर गए तथा उन्हें बताया कि वह 31 लाख का सामान नहीं दे सकते।
आरोप है कि वर पक्ष ने चेतावनी दी कि यदि 31 लाख के दहेज की व्यवस्था न हो तो लग्न लेकर मत आना। इसके बाद कैलाश तंवर बेटी की शादी को लेकर तनाव में आ गए। वह अपने बहनोई के साथ ही उनके घर राजस्थान के गांव बूढी बावल चले गए तथा वहीं पर 19 नवंबर को ही फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली।

ये लिखा सुसाइड नोट में-

कैलाश की आत्महत्या  के बीच एक सुसाइड नोट भी मिला। यह सुसाइड नोट किसी कागज पर नहीं बल्कि बेटी के ब्याह के कार्ड पर लिखा गया था, जिसमें कैलाश ने लिखा कि “उसने लड़की का रिश्ता गुरुग्राम के कासन निवासी सुनील कुमार के बेटे रवि से कर रखा था। उसने सभी तैयारियां कर रखी है। वह अपनी हैसियत के हिसाब से 13 से 15 लाख रुपए लगाने को तैयार था लेकिन सुनील, गांव अलियर निवासी पूर्व सरपंच मामचंद और विनयपाल व मंजू देवी बार-बार दहेज के लिए परेशान कर रहे है। वह इतना खर्च नहीं कर सकता। वह समाज में इज्जत बचाने के लिए कासन में गया, लेकिन उन लोगों ने रिश्ते के लिए मना कर दिया। वह अब समाज में जिंदा नहीं रह सकता। उसकी मौत के जिम्मेदार सुनील कुमार, मामचंद, विनय व मंजू है। उसकी  मुख्यमंत्री हरियाणा व प्रमुख बुद्धिजीवियों से विनती है कि इस प्रकार के लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएं।  मेरा आखिरी प्रणाम मोदी जी, मनोहर लाल जी, अशोक गहलोत जी व भंवर जितेंद्र सिंह जी मेरी आखिरी राम-राम”।
मृतक की बेटी, बेटे और मृतक के भाई ने अपनी व्यथा सुनाते हुए सरकार से अपील की है कि दहेज रूपी इन दानवों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए ताकि फिर कभी किसी की दुनियां बसने से पहले न उजड़े।
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