महिलाओं की शिकायत के पीछे निजी वजह- बृजभूषण वकील

(अवैस उस्मानी )- महिला पहलवनों से कथित यौन शोषण के आरोप का दिल्ली की राउज़ एवेन्यु कोर्ट ने सुनवाई किया। बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने दलील रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पॉश ऐक्ट के तहत ओवर साइट कमेटी बनाई थी। बृजभूषण के वकील ने कहा इंटरनल कंप्लेन कमेटी (ICC) ने यौन शोषण के आरोपों को लेकर की टिप्पणी नहीं किया है। बृजभूषण के वकील ने कहा कि ओवर साइट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बृजभूषण के ऊपर कोई आरोप नहीं लगाया है, ओवर साइट कमेटी ने पहली दृश्यता में बृजभूषण के खिलाफ कोई आरोप नही पाया।
बृजभूषण के वकील ने कहा कि नियम के मुताबिक ओवर साइट कमेटी में अगर कोई फाइंडिंग होती है तो 7 दिन के अंदर पुलिस में शिकायत करनी होती है, अगर पुलिस में शिकायत नहीं की जाती है तो इसका मतलब यह है कि कमेटी ने यह माना है कि यौन शोषण नहीं हुआ है।

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राउज़ एवेन्यु कोर्ट के स्पेशल जज हरजीत सिंह जसपाल की अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील ने कहा कि कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सवाल किया था कि ओवर साइट कमेटी पॉश ऐक्ट के तहत बनी थी या नहीं और ओवर साइट कमेटी की रिपोर्ट पॉश ऐक्ट में आती है या नही? बृजभूषण के वकील ने कहा कि ओवर साइट कमेटी पॉश ऐक्ट के तहत बनाई गई थी। बृजभूषण के वकील ने कहा कि ओवर साइट कमेटी को प्रथम दृष्टया में यौन शोषण का कोई आरोप नहीं मिला, इसी लिए कमेटी की तरफ से कोई शिकायत नहीं कि गई और ना ही कमेटी ने पुलिस में शिकायत के लिए कोई सुझाव दिया। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण की दलील का विरोध करते हुए कहा कि अगर ओवर साइट कमेटी ने पुलिस में शिकायत के लिए रिपोर्ट में कोई सुझाव नहीं दिया है तो इसका यह मतलब नहीं है कमेटी ने आरोपों से बरी कर दिया है।
बृजभूषण के वकील ने कहा कि कोर्ट को चार्ज फ्रेम करते समय यह भी देखना चहिए शिकायतकर्ता की मंशा को भी देखना चहिए, हर महिला पहलवान शिकायतकर्ता की शिकायत के पीछे कोई निजी वजह है। बृजभूषण के वकील ने कहा शिकायतकर्ताओं की शिकायत का समर्थन सिर्फ उनके परिवार के सदस्यों ने किया है न कि वहां पर मौजूद कोच या किसी व्यक्ति ने। बृजभूषण के वकील ने कहा कि शिकायतकर्ताओं ने काफी देर से शिकायत दर्ज कराई थी।

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बृजभूषण के वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता ने 17 अक्टूबर 2017 की दिल्ली में घटना का ज़िक्र पहली बार FIR में किया, ओवर साइट कमेटी के सामने इस घटना का कोई जिक्र नहीं किया गया था। बृजभूषण के वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता ने ओवर साइट कमेटी के सामने 2016 की घटना की जगह टॉक्यो बताई, FIR में मंगोलिया लेकिन हलफनामा में उसी घटना की जगह को तुर्की का बताया। बृजभूषण के वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता ने दिल्ली की सिर्फ घटना का ज़िक्र किया, जिसकी तारीख 16 अक्टूबर 2016 बताई गई है उस दिन बृजभूषण दिल्ली में मौजूद नहीं थे।दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के वकील की दलील का विरोध करते हुए कहा कि लखनऊ और सोनीपत से दिल्ली आने में ज़्यादा समय नहीं लगता हैं इसको भी कोर्ट को ध्यान में रखना चहिए।

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