Soap Side Effects: हर व्यक्ति सुखद जीवन जीना चाहता है लेकिन बढ़ती महंगाई उन सपनों पर पानी डाल देता है। उन शौक में से ही लोगों का एक शौक महंगे साबुन से नहाना भी होता है। मगर समाज का हर तबका इन्हें नहीं अफोर्ड कर सकता। ऐसे में कुछ लोग कपड़े धोने के साबुन या डिटर्जेंट से नहा लेते हैं, पर यह खतरनाक हो सकता है।
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दरअसल, कपड़े धोने के साबुन से नहाने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। सल्फर ट्राईऑक्साइड, एथिलीन ऑक्साइड और सोडियम लौरेल सल्फेट जैसे कई केमिकल कपड़े धोने वाले साबुन और डिटर्जेंट में पाए जाते हैं। कपड़े धोने के साबुन और डिटर्जेंट में मौजूद केमिकल्स आपकी त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। फार्मेल्डिहाइड कपड़े धोने के साबुन में प्रिजर्वेटिव का काम करता है।
डिटर्जेंट त्वचा, फेफड़ों और आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं, स्किन से जुड़ी बीमारियां जैसे एक्जिमा और आंखों में जलन से परेशान हो सकते हैं।
कपड़े धोने के साबुन और डिटर्जेंट में मौजूद ब्लीच भी बहुत खतरनाक होता है, ब्लीच को साबुन और डिटर्जेंट में मिलाकर सफेद या हल्के रंग के कपड़ों से दाग छुड़ाया जा सकता है। लेकिन इससे खुजली और एलर्जी हो सकती हैं। ब्लीचिंग पाउडर से जुड़ा हुआ डर्मेटाइटिस साबुन, डिटर्जेंट और लिक्विड से हो सकता है। इससे त्वचा सूज सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि ब्लीच में मौजूद केमिकल्स से त्वचा पर रैशेज, चकत्ते, दाने और छाले हो सकते हैं। कभी-कभी ये समस्याएं जल्द ठीक नहीं होती, जिससे सोरायसिस हो जाता है। शरीर पर कपड़े धोने के साबुन लगाने से त्वचा की नमी दूर होती है। वहीं, कपड़े धोने के साबुन समेत हर उत्पाद में खुशबू देने के लिए कई केमिकल्स मिलाए जाते हैं। ये खुशबू सूंघने पर गले में खराश और नाक में जलन हो सकती है। केमिकल्स हमारी त्वचा सोख लेती है। इसके परिणामस्वरूप सूजन, एक्जिमा और एलर्जी हो सकती हैं।
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यह बर्तन धोने के लिक्विड्स और साबुन को झाग बनाने वाले केमिकल्स, खुशबूदार केमिकल्स, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल केमिकल्स से बनाया जाता है। इनमें कुछ एक्टिव एजेंट्स भी शामिल हैं जो हमारी त्वचा को खराब करते हैं। सोडियम लौरेल सल्फेट को डिश वॉशिंग साबुन और लिक्विड में मिलाया जाता है। लिहाजा, कपड़े धोने के साबुन या डिटर्जेंट का इस्तेमाल करने से बचें।
अगर नहाने के साबून की बात करें तो नहाने के साबुन में लंबी श्रृंखला वाले पोटेशियम लवण होते हैं। नहाने के साबुन आमतौर पर नरम होते हैं और उनमें अप्रयुक्त क्षार नहीं होते। विपरीत, लंबी श्रृंखला वाले वसा अम्लों के सोडियम लवण कपड़े धोने के साबुन हैं। वे आमतौर पर कठोर होते हैं और कुछ अवशिष्ट क्षार भी होते हैं। नहाने के साबुन में कास्टिक की मात्रा अधिक होने से आपके हाथों की स्किन फट जाती है। कपड़े धोने के साबुन से नहाने से स्किन कड़क और फट जाती है। जिस वजह से नहाने के लिए केवल नहाने के साबून का ही इस्तेमान करना चाहिए।