CM खट्टर की नगर निगमों के मेयर और जिला नगर आयुक्तों के साथ हुई बैठक में किन मुद्दों पर हुई चर्चा

(अनिल कुमार): मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की नगर निगमों के मेयर और जिला नगर आयुक्तों के साथ अहम बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेयर जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुनें। नगर निगमों के मेयर और जिला नगर आयुक्तों के साथ हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश सरकार स्थानीय सरकारों अर्थात नगर निकायों को पूर्ण स्वायत्ता देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि स्थानीय स्तर पर होने वाले कार्य समयबद्ध तरीके से और त्वरित ढंग से हो सकें। विकास कार्यों के लिए निकायों को को पैसा दिया जाएगा। वर्ष 2022-23 के राज्य के अपने कर राजस्व (एसओटीआर) लगभग 65 हजार करोड़ रुपये में से लगभग 3600 करोड़ रुपये नगर निकायों को दिये जाएंगे।

इसके अलावा पिछला बकाया 500 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। इस प्रकार 4100 करोड़ रुपये नगर निकायों को ‌मिलेंगे, जिससे वे अपने स्तर पर विकास कार्य करवा पाएंगे। मुख्यमंत्री आज यहां नगर निगमों के महापौरों और जिला नगर आयुक्तों के साथ शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता भी बैठक में उपस्थित रहे। बैठक के दौरान कार्य में लापरवाही बरतने की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने नरवाना के एक्सईएन एलसी चौहान को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश दिए।

वहीं मुख्यमंत्री ने बैठक में घोषणा करते हुए कहा कि नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के कार्यालय भवन बनाने का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। भवन के लिए यदि कहीं जमीन खरीदने की या किसी विभाग से हस्तांतरित करने की भी आवश्यकता है तो उसका खर्च भी राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई निकाय अपनी जमीन पर कोई भवन बनाकर वाणिज्यिक गतिविधियां करना चाहती है, तो कर सकती है। इससे निकायों को अतिरिक्त आय होगी और यह पैसा जनता के हित में काम आएगा। इसके लिए इस प्रकार के प्रोजेक्ट ऋण लेकर या पीपीपी मोड पर संचालित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निकायों में रिस्ट्रक्चरिंग तथा राशनलाइजेशन के लिए राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया जाए, जो निकायों का दौरा कर रिस्ट्रक्चरिंग तथा राशनलाइजेशन का पूरा अध्ययन करेगी।

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उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी नगर निकायों में संपत्तियों की नीलामी के लिए एक कॉमन पोर्टल बनाया जाए। यदि किसी कारणवश बिडिंग असफल होती है तो एक माह के अंदर-अंदर पुन: बिडिंग हो, इसकी जिम्मेवारी जिला नगर आयुक्त की होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जन्म, मृत्यु और विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने की समय सीमा को 21 दिन से बढ़ाकर 30 दिन करने के निर्देश दिए। तत्पश्चात विलंब शुल्क के साथ आवेदन करने का प्रावधान किया जाए। इसके अलावा, निकाय स्तर पर कुछ अन्य सेवाओं के लिए भी मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि जब कोई नागरिक किसी सेवा के लिए आवेदन करने आए तो एक ही बार में उसके दस्तावेज चेक किए जाएं, ताकि उन्हें बार-बार चक्कर न काटने पड़ें। आवेदन मंजूर हुआ है या कैंसल किया गया है, इसका स्टेटस भी ऑटो अपील सॉफ्टवेयर में दर्ज करें, ताकि कैंसल होने पर अपील स्वतः ही अगले अधिकारी तक चली जाए।

उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि नई अवैध कॉलोनियों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं किया जाएगा। पहले से बनी कॉलोनियों, जिनमें कुछ हिस्से या पैच को अनिय‌मित दिखाया हुआ है, उन्हें तय मानदंड अनुसार नियमित किया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने 190 कॉलोनियों को अप्रूव किया है। इसके अलावा, लगभग 600-700 कॉलोनियां पाइपलाइन में हैं। उन्होंने कहा कि मेयर जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुनें।

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