High Functioning Depression: कुशा कपिला जो एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और एक्ट्रेस हैं वो फिलहाल हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन और अटेंशन डेफिसिट डिसऑर्डर (ADD) से पीड़ित हैं। इस डिप्रेशन में उन्हें मेंटली कई समस्याएं होती हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इस प्रकार के डिप्रेशन में व्यक्ति डिप्रेशन से पीड़ित तो होता है लेकिन वह अपनी दैनिक दिनचर्या में सामान्य रूप से चलता है। इस परिस्थिति में व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण तो दिखते हैं, लेकिन वो उन्हें छुपाते हैं। यहां तक की साथ रहने वालों को भी पता नहीं है।
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दरअसल, आजकल के लोगों में डिप्रेशन एक आम समस्या बन गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि दुनिया भर में लगभग 28 करोड़ लोग इसकी चपेट में हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाएं डिप्रेशन की समस्या से ज्यादा परेशान हैं। Health Professionals कहते हैं कि हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन के लक्षण हल्के होते हैं लेकिन रेगुलर डिप्रेशन की तरह ही होते हैं। दैनिक काम पर इनका कोई असर नहीं होता। ऐसे लोग अंदर से बहुत परेशान हैं, लेकिन वे अपने काम, प्रेम जीवन और सोशल मीडिया पर ध्यान देते रहते हैं। लेकिन इस डिप्रेशन में जो सबसे बड़ी समस्या है वो ये इसके लक्षणों की पहचान है। तो चलिए जानते हैं कि कौन से लक्षण दिखने पर आपको सतर्क रहने की जरुरत होती है।
बता दें, अगर आपका मन हमेशा उदास महसूस करे। किसी काम में मन न लगे यहां तक की जो काम आपका फेवरेट हुआ करता था उसको भी आप ढंग से न कर पाएं। खाने पीने की आदतों में अचानक से बदलाव दिखने लगे। छोटी सी परेशानी को भी बड़ा मानकर हताश फील करने लगें। मन विचलित होने लगे और कुछ भी याद न रहे। किसी काम में फोकस करने में दिक्कत महसूस होने लगे। किसी भी गलती के लिए अपने आप को कोषने लगें। रात को नींद न आये या नींद का पैटर्न बिल्कुल बदल जाए। चिड़चिड़ा होने लगे। लो एनर्जी फील हो और थोड़ा सा काम करने पर थकान फील होने लगे। लोगों से दूर रहने का मन करे या हमेशा अकेले रहने का मन करे और बिना वजह रोने का मन करे तो इन लक्षणों को बिना अंदेखा किए सतर्क होने की जरुरत है।
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इन सभी लक्षणों से राहत पाने के लिए आपको अपने अंदर कुछ बदलाव करना चाहिए। जैसे कि खाने पीने में बदलाव, आप अपने डाइट में बदलाव कीजिए और हेल्दी और पौष्टिक खाना खाइए, खुली हवा में टहलें, रेगुलर एक्सरसाइज करें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। साकारात्मक विचार रखें और नाकारात्मकता से खुद को दुर रहें। अपने विचारों को खुलकर रखने की कोशिश करें उसे अपने मन में न दबाएं। अकेले रहने की बजाय दोस्तों या फैमिली के साथ टाइम स्पेंड करें। अपने मन की कोई फिजिकल एक्टिविटी करें, आप गाना सुन सकते हैं, डांस कर सकते हैं या फिर बुक पढ़ सकते हैं। लेकिन अगर आपको इन सभी उपायों के बाद भी खुद में बदलाव न दिखे तो आप फौरन एक्सपर्ट्स की सलाह से उपचार शुरू करें।